पालक-शिक्षक बैठक 2025-26 छत्तीसगढ़: पूरी गाइड

छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में पालक-शिक्षक बैठक (Parent Teacher Meeting) आयोजित करने का निर्णय लिया है। 15 जुलाई 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, इस बैठक का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुशासन, उपस्थिति और सर्वांगीण विकास को लेकर अभिभावकों और शिक्षकों के बीच सशक्त संवाद स्थापित करना है।

छत्तीसगढ़ में 2025-26 की पालक-शिक्षक बैठक के उद्देश्य, प्रकार, मुख्य बिंदु, NEP 2020, डिजिटल शिक्षा और बच्चों के सर्वांगीण विकास की पूरी जानकारी

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बैठक के प्रकार

सत्र 2025-26 में दो प्रकार की पालक-शिक्षक बैठक आयोजित की जाएगी—

1. संकुल स्तरीय पालक-शिक्षक बैठक

  • संकुल स्तर पर वर्ष में कम से कम एक बार।
  • इसमें संकुल के अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों के शिक्षक, अभिभावक और अधिकारी शामिल होंगे।
  • बच्चों की समग्र प्रगति, योजनाओं के क्रियान्वयन और समस्याओं के समाधान पर चर्चा होगी।

2. विद्यालय स्तरीय पालक-शिक्षक बैठक

  • विद्यालय स्तर पर हर तिमाही में।
  • बच्चों की व्यक्तिगत प्रगति रिपोर्ट, उपस्थिति और विषयवार प्रदर्शन पर चर्चा।
  • विद्यालय में हो रही गतिविधियों और योजनाओं की जानकारी।

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बैठक में चर्चा के मुख्य बिंदु

1. घर का वातावरण

  • घर में पढ़ाई के लिए शांत और अनुकूल माहौल बनाना।
  • उचित प्रकाश, बैठने की सुविधा और ध्यान भटकाने वाले साधनों को कम करना।
  • बच्चों के सोने-जागने और पढ़ाई के समय को नियमित करना।

2. छात्र नियमितता

  • अभिभावक बच्चों की विद्यालय उपस्थिति पर नज़र रखें।
  • अनुपस्थिति के कारण को जानें और उसका समाधान करें।
  • विद्यालय जाने की आदत को प्रोत्साहित करें।

3. पढ़ने से पहले और सीखने की तैयारी

  • बच्चों को विद्यालय आने से पहले सभी आवश्यक अध्ययन सामग्री तैयार करने की आदत डालना।
  • घर पर नियमित पुनरावृत्ति के लिए समय तय करना।
  • विद्यालय में पढ़ाए गए विषयों को घर पर दोहराने के लिए प्रेरित करना।

4. बच्चों का बोलने में कौशल

  • बच्चों को मंच, वाद-विवाद, कविता-पाठ और कहानी सुनाने जैसी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना।
  • संवाद कौशल और आत्मविश्वास को बढ़ाना।

अकादमिक और पाठ्येतर पहलू

5. बच्चों की अकादमिक प्रगति और परीक्षा पर चर्चा

  • विषयवार प्रदर्शन का विश्लेषण।
  • कमजोर विषयों में सुधार की रणनीति।
  • पिछली परीक्षाओं में हुई गलतियों पर चर्चा और समाधान।

6. पाठ्येतर गतिविधियां

  • खेल, सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी।
  • विज्ञान, कला और साहित्य में प्रतिभा निखारने के अवसर।

7. स्वास्थ्य और पोषण

  • स्वास्थ्य परीक्षण रिपोर्ट साझा करना।
  • मिड-डे मील की गुणवत्ता और पोषण मूल्य की समीक्षा।
  • कुपोषण दूर करने के उपाय।

8. आधार और बैंक खाता सत्यापन

  • छात्रों के दस्तावेजों की जांच और सुधार।
  • सरकारी योजनाओं और छात्रवृत्ति का लाभ सुनिश्चित करना।

9. विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सुविधा

  • दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षण सामग्री और उपकरण।
  • शिक्षकों का विशेष प्रशिक्षण और विद्यालय में आवश्यक संसाधन।

डिजिटल शिक्षा और आधुनिक संसाधन

10. डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग

  • दीक्षा ऐप – सभी विषयों और कक्षाओं की डिजिटल सामग्री।
  • ई-पाठशाला – NCERT और SCERT की ई-बुक्स और ऑडियो-वीडियो कंटेंट।
  • SWAYAM और SWAYAM PRABHA – उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामग्री।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) का क्रियान्वयन

  • कौशल आधारित शिक्षा और नई मूल्यांकन प्रणाली।
  • बहुभाषी शिक्षा और समग्र विकास की पहल।
  • अभिभावकों को NEP के बदलावों की जानकारी।

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अतिरिक्त चर्चा के महत्वपूर्ण बिंदु

  • बस्ता रहित शनिवार गतिविधियां – जल संरक्षण, स्वच्छता, लोक कला आदि।
  • ‘आज मैंने क्या सीखा’ संवाद – बच्चों से घर पर सीखने की जानकारी साझा करना।
  • अभिभावकों की भागीदारी – घर और समुदाय आधारित कार्यक्रमों में योगदान।
  • तीन अनिवार्य बैठकें – अगस्त, तिमाही परीक्षा के बाद और छमाही परीक्षा के बाद।
  • PTA/SMC की सक्रिय भागीदारी – नियमित निगरानी और सहयोग।

📝 पालकों से अन्य चर्चा के मुख्य बिंदु

1. 👩‍🏫 छात्र नियमितता

पालकों को बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित किया जाएगा, ताकि कोई भी छात्र शिक्षा से वंचित न हो।

2. 🏫 स्कूल में आज क्या सीखा?

बच्चों से रोज़ाना यह पूछने की आदत डलवाने पर जोर दिया जाएगा कि उन्होंने स्कूल में क्या पढ़ा, क्या नया सीखा। इससे बच्चों में संवाद, ध्यान और रुचि बढ़ेगी।

3. 📖 अध्ययन के प्रति अभिरुचि और सीखने की आवश्यकता

बच्चों के सीखने की गति, रुचि और जरूरत को लेकर शिक्षकों और पालकों के बीच विचार साझा होगा, ताकि बच्चों के कमजोर पक्ष को पहचाना जा सके।

4. 🧠 परीक्षा की तैयारी और तनावमुक्त वातावरण

पालकों को बताया जाएगा कि बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित करें। स्वस्थ दिनचर्या, पौष्टिक आहार और विश्राम परीक्षा की सफलता में सहायक होते हैं।

5. 🎨 सह-शैक्षिक गतिविधियाँ

विद्यालयों में चल रही खेलकूद, योग, विज्ञान प्रयोग, नैतिक शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता अभियान आदि गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी पर चर्चा की जाएगी।

6. 🩺 स्वास्थ्य परीक्षण और पोषण

स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले स्वास्थ्य परीक्षणों, आयुर्वेदिक दवाओं एवं पोषण कार्यक्रमों की जानकारी पालकों को दी जाएगी।

7. 📜 जाति / आय / निवास प्रमाण पत्र की जानकारी

छात्रवृत्ति एवं अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र समय पर बनवाने हेतु जागरूक किया जाएगा।

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8. 🍛 मिड डे मील (PM Poshan)

मिड डे मील की गुणवत्ता, नियमितता और सामाजिक सहभागिता पर चर्चा की जाएगी। पालकों को भोजन व्यवस्था की निगरानी में सहभागिता के लिए प्रेरित किया जाएगा।

9. 🧒 छात्रवृत्ति और अन्य छात्र हितकारी योजनाएं

पालकों को बच्चों के लिए उपलब्ध छात्रवृत्ति योजनाओं, साइकिल वितरण, गणवेश, पुस्तकें आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी।

10. 🎙️ बालक सभा और संवाद कार्यक्रम

छात्रों की साप्ताहिक बालक सभा, गुड टच-बैड टच, नैतिक शिक्षा आदि विषयों पर विद्यालयों में चल रहे कार्यक्रमों की जानकारी पालकों को दी जाएगी।

11. 🚭 नशा मुक्ति का संकल्प

पालकों एवं शिक्षकों के मध्य नशा मुक्ति को लेकर शपथ ली जाएगी ताकि छात्रों को एक अच्छा वातावरण मिल सके।

🎯 इस बैठक से क्या अपेक्षित है?

  • पालक अपने बच्चों की शिक्षा में और अधिक सक्रिय भागीदारी निभाएं।
  • स्कूल और घर के बीच संवाद और विश्वास मजबूत हो।
  • शासकीय योजनाओं की जानकारी हर जरूरतमंद तक पहुँचे।
  • बच्चों के व्यक्तित्व विकास में शिक्षक और पालक सह-यात्री बनें।

पालक-शिक्षक बैठक सिर्फ औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित और उज्ज्वल बनाने का एक सशक्त माध्यम है।
इन बैठकों के माध्यम से अभिभावक और शिक्षक मिलकर न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य, अनुशासन और सर्वांगीण विकास में भी बड़ा योगदान दे सकते हैं।

📌 छत्तीसगढ़ पालक-शिक्षक बैठक 2025-26 – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. छत्तीसगढ़ में पालक-शिक्षक बैठक 2025-26 कब आयोजित होगी?

शैक्षणिक सत्र 2025-26 के दौरान पालक-शिक्षक बैठकें वर्षभर अलग-अलग समय पर होंगी। पहली अनिवार्य बैठक अगस्त 2025 में होगी, जबकि अन्य बैठकें तिमाही और छमाही परीक्षा के बाद आयोजित की जाएंगी।

2. पालक-शिक्षक बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस बैठक का उद्देश्य अभिभावकों और शिक्षकों के बीच संवाद स्थापित करना है, ताकि बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुशासन, उपस्थिति और सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके।

3. पालक-शिक्षक बैठक के कितने प्रकार होंगे?

  • संकुल स्तरीय बैठक: वर्ष में कम से कम एक बार, संकुल के सभी विद्यालयों, शिक्षकों और अधिकारियों की भागीदारी के साथ।
  • विद्यालय स्तरीय बैठक: प्रत्येक तिमाही, व्यक्तिगत छात्र की प्रगति और प्रदर्शन पर चर्चा हेतु।

4. बैठक में किन मुख्य विषयों पर चर्चा होगी?

  • घर का अध्ययन वातावरण
  • छात्र की उपस्थिति और नियमितता
  • पढ़ने-सीखने की तैयारी
  • बोलने और संवाद कौशल
  • अकादमिक व पाठ्येतर गतिविधियां
  • स्वास्थ्य, पोषण और मिड-डे मील
  • आधार और बैंक खाता सत्यापन
  • विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सुविधा

5. डिजिटल शिक्षा के लिए कौन-से प्लेटफॉर्म बताए जाएंगे?

दीक्षा ऐप, ई-पाठशाला, SWAYAM, और SWAYAM PRABHA जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का परिचय और उपयोग के तरीके बताए जाएंगे।

6. NEP 2020 से इस बैठक का क्या संबंध है?

बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत कौशल आधारित शिक्षा, बहुभाषी शिक्षा, नई मूल्यांकन प्रणाली और समग्र विकास की पहल पर चर्चा की जाएगी।

7. स्वास्थ्य और पोषण से जुड़े कौन-से मुद्दे शामिल होंगे?

  • स्वास्थ्य परीक्षण रिपोर्ट
  • मिड-डे मील की गुणवत्ता
  • कुपोषण दूर करने के उपाय
  • पोषण कार्यक्रमों में पालकों की सहभागिता

8. क्या विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रावधान हैं?

हाँ, दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षण सामग्री, सहायक उपकरण और प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था पर चर्चा होगी।

9. अभिभावकों से क्या अपेक्षाएं रहेंगी?

  • बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना
  • रोज़ "आज स्कूल में क्या सीखा?" पूछना
  • परीक्षा के समय तनावमुक्त माहौल देना
  • खेल, सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों में बच्चों को प्रोत्साहित करना

10. यह बैठक बच्चों के विकास में कैसे सहायक होगी?

इससे स्कूल और घर के बीच बेहतर संवाद होगा, जिससे बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुशासन और व्यक्तित्व विकास में सकारात्मक बदलाव आएंगे।

💬 आपकी राय:
क्या आपने कभी पालक-शिक्षक बैठक में भाग लिया है? आपके अनुसार यह बच्चों के विकास में कितना प्रभाव डालती है?
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